भूलना चाहता हूँ
तुझे,पर ऐसा नहीं होता
काश ! याद रखने की
वादा किया नहीं होता l1l
इल्म नहीं थी तेरी
मिजाज़ की ,रवैया का
काश !इकरार से पहले हमें
इल्म होता l2l
जिंदगी ख़ुशी
ख़ुशी गुज़र गयी होती
गर मजधार में
तू हाथ छोड़ा न होता l३l
गुज़रे पलों की याद
,रह –रह कर आती है
काश !वो पल कभी
जिंदगी में आया न होता l4l
जिंदगी की सचाई की
गर एहसास होता
यह जिंदगी का रंग भी
कुछ अलग होता l5l
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
wah ! bahut khoob
ReplyDeletebahut badhiya ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : वह उपहार देने स्वर्ग से आता है
बढ़िया ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
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