Monday 3 September 2018

जागो उठो !


सुनो सुनो सब बच्चे प्यारे, यही अनसुनी एक कहानी
किस्सा है भारत वासी का, कुछ लोगों की नादानी |
फूट डालो और राज करो, यही नीति किसने अपनाई 
जात-पात, भेदभाव सबको, यही नीति ने भारत लाई |
अंग्रेज चतुर थे,तुरंत भाँपा, इनमें कितने कौन बुराई
एक-एक कर चुनचुन सारे, जिनकी नीति उन पर चलाई |
समाज बट गया वर्ग में जब, दो भाई में दरार आई
मर्म से मर्म की दूरी बढ़ी, ऊँच नीच खाई गहराई |
जाति,वर्ण,वर्ग,सभी दुश्मन, गुप्त रूप से रंग दिखाया
एक को दिया चैन की नींद, दूजे का सुख चैन चुराया |
अंग्रेज नहीं बदलाव किया, भारत की वो प्राचीन नीति
उससे फायदा उन्हें भी था, अपनाया दमनकारी नीति |
भारत है अब आजाद मुल्क, नीति मुल्क की है संविधान
इसकी तुम अब करना रक्षा, करना इसका सदा सम्मान |
यही दिलाया मान मर्यादा, हमारा किया मस्तक ऊंचा
सुरक्षित रहेगा संविधान, सर न किसी का होगा नीचा |
छेड़छाड़ इस संविधान से, कभी न तुम अब करने देना
यही तुम्हारी त्राण कवच है, इसकी रक्षा में सिर देना |
जान जाय कोई बात नहीं, संविधान की रक्षा करना
इसकी रक्षा में तन मन धन, अपना सभी कुछ लुटा देना |
सरहद पर सैनिक डटे हुए, रक्षा करते आक्रमणों से
चौकन्ना तुमको भी रहना, अंदर के सभी दुश्मनों से |
चुपके चुपके छुपकर करते, जयचंदों की उनकी टोली
खुद के घर को जलाकर कभी, खुशी खुशी खेली है होली |
वंचित,शोषित,पीड़ित जन सब, उठो खड़े हो अपने दम पर
आत्मविश्वास जगाओ अभी, हो जाओ तुम खुद पर निर्भर |
अधिकार नहीं मिला किसी को, हाथ जोड़कर माँगो न कभी
ताकतवर शक्ति छीन लेते, तुम भी छीनो झुकना न कभी |
यह देश है तुम्हारा, मालिक तुम्ही हो इस हिंदुस्तान के
दुश्मनों को भी रखना पास, अपने प्यार में कैद करके |
कालीपद 'प्रसाद'

3 comments:

  1. जय मां हाटेशवरी...
    अनेक रचनाएं पढ़ी...
    पर आप की रचना पसंद आयी...
    हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
    इस लिये आप की रचना...
    दिनांक 04/09/2018
    को
    पांच लिंकों का आनंद
    पर लिंक की गयी है...
    इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (04-09-2018) को "काश आज तुम होते कृष्ण" (चर्चा अंक-3084) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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