होली की हार्दिक शुभकामनाएँ |
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आया रंगीला फागुन, लेकर फाग दुबारा
दिल के धड़कने देख, दिलवर को पुकारा |
जहां राधा वहीँ कृष्ण, वहीँ आनन्द वहीँ प्रेम
मथुरा वहीँ, बृज वहीँ, बरसाने वहीँ क्षेम |
ढाक ढोल मृदंग बाजे , नाचे ग्वाल नंदलाल
रंगों का ये इन्द्रधनुष, नभ में उड़े रे गुलाल |
श्रीराधा है प्रेममयी, कृष्ण रूप है प्रेममय
आनंद प्रेम रस कृष्ण, विलीन है सृष्ठिमय |
सारा जगत कृष्णमय, कृष्ण है जगत प्राण
राधा राधा जपे कृष्ण, श्रीराधा है कृष्ण प्राण |
फाल्गुन पूर्णिमा रात्रि, दुधिया चाँदनी कुँवारी
महा रास नृत्य में मस्त, राधा संग मुरारी |
© कालीपद ‘प्रसाद’
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (12-03-2017) को
ReplyDelete"आओ जम कर खेलें होली" (चर्चा अंक-2604)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
हार्दिक आभार आपका
Deleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " बहादुर महिला, दंत चिकित्सक और कहानी में ट्विस्ट “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteभक्तिमय होली सुन्दर है .
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 13 मार्च 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आपका
Deleteहोली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर। होली की शुभकामनाएं ।
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