Sunday, 13 October 2013

महिषासुर बध !

              


 प्रिय मित्रों, पिछले पोस्ट में आपने नवदुर्गा के ऊपर लिखा गया हाइकू पढ़ा |मुझे ख़ुशी हुई कि आप लोगों ने उसे पसंद किया | आज नवमी पूजा है और दोपहर बाद दशमी अर्थात विजयादशमी शुरू हो रहा है | असुरों की  बध का दिन | इसीलिए महिषासुर बध की कहानी को मैंने हाइकू छंद  में  प्रस्तुत करने की  कोशिश की |यह लम्बा किस्सा है | अत: इसे संक्षेप में बताने की  कोशिश की है ,फिरभी इसका १११  हाइकू छंद बने | सबको एक साथ प्रस्तुत करना समय की  कमी के कारण संभव नहीं हो पा रहा है | इसीलिए यह तीन भाग ३७ ,३७, ३७  छंदों में प्रस्तुत किया जायगा| आपसे निवेदन है आप तीनो भाग को अवश्य पढ़े और अपना बहुमूल्य मत से मुझे अवगत कराएँ |

   
महिषासुर बध ! (भाग १ )

श्री महालक्ष्मी 
कमलासन स्थित 
दुर्गा स्वरुप |
अम्बिका देवी 
माँ महिषमर्दिनी 
अहम् नमामि |
हाथों में गदा 
शूल चक्र धनुष 
विविध अस्त्र |
फरसा गदा 
कुण्डिका दण्ड घंटा
अक्ष की माला |
देवों प्रदत्त 
सर्व अस्त्र सज्जित 
रण की साज |
नवीन रूप 
अम्बिका के कोशज
कौशिकी नाम |
*****
महिषासुर 
था असुरों का स्वामी
था महावली |
देवेन्द्र इन्द्र
देवों के साथ अग्नि
युद्ध में हारे |
ब्रहमा के आगे 
पराजित देवता
प्रार्थना किया |
१०
ब्रह्मा ने कहा 
विष्णु और शंकर 
शेष सहारा |
११
ब्रह्मा जी संग 
देवता गए जहाँ 
विष्णु शंकर |
 १२
देवेश्वरों को 
किस्सा पराजय की 
पूरी सुनाई |
१३
वायु, चन्द्रमा 
इन्द्र, अग्नि, वरुण
युद्ध में हारे |
१४
देवता सब 
विताड़ित स्वर्ग से 
आश्रय हीन |
१५
महिषासुर 
दुरात्मा दानव से 
देवता त्रस्त|
१६
हे भगवन !
करो कुछ उपाय 
आप सहारा |
१७
देवताओं के 
सुनकर वचन
विष्णु शंकर |
18
भौंये उनकी 
तनगए क्रोध से 
कोप से भरे |
१९
महान तेज 
श्री विष्णु के मुख से 
प्रकट हुआ |
२०
उसमें मिला 
ब्रह्मा ,शंकर ,इन्द्र 
शरीर तेज |
२१
देवतायों के 
शरीर से भी तेज 
आकर मिला |
२२
जाज्वल्यमान 
तेज पर्वत पुंज 
महान दृश्य |
२३
एकत्रित हो 
देवताओं  ने देखा
व्याप्त ज्वालायें |
२४
महान तेज 
फैला दशों दिशाएँ
चकित देव |
२५
सुन्दरी नारी 
आविर्भूत ज्वाला से 
दैविक रूप |
२६
कल्याणमयी
देवी का आविर्भाव 
देव प्रसन्न|
२७
पिनाकधारी 
भगवान शंकर 
शूल का दान |
२८
श्री विष्णु ने भी 
भगवती को दिया 
अपना चक्र |
२९
अग्नि ने शक्ति 
वरुण ने भी शंख 
किया अर्पण |
३०
वायु ने दिया 
वाण से भरे तुण
और धनुष |
 ३१
इन्द्र ने दिया 
अमोघ अस्त्र वज्र 
ओ एक घंटा |
३२
यम ने दिया 
कालदंड का दण्ड
वरुण पाश |
 ३३
प्रजापति ने 
स्फटिकाक्ष की माला 
प्रदान किया |
३४
ब्रह्मा ब्राह्मण 
क़मण्डलू भेंट किया 
भगवती को |
३५
देवताओं के 
सभी अस्त्र शस्त्र से
सज्जित देवी|
३६
गगन भेदी 
देवी के सिंहनाद
कापें धरती |
३७
पुरे विश्व में
कम्पन फैल गयी 
कापें पर्वत |
*********
क्रमशः-भाग २ 

कालिपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित






29 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  2. वाह बहुत सुन्दर लिखा है...विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं आप को..

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  3. सभी हाइकू लाजवाब हैं ... सटीक अर्थ लिए ...
    विजय दशमी की शुभकामनायें ...

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  4. हाइकू अच्छे लगे |सटीक और उम्दा |विजयदशमी पर हार्दिक शुभ कामनाएं |

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  5. आपकी यह पोस्ट आज के (१३ अक्टूबर, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - बुरा भला है - भला बुरा है - क्या कलयुग का यह खेल नया है ? पर प्रस्तुत की जा रही है | आपको विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनायें और सहर्ष बधाई ।

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    1. माननीय तुषार राज जी आपका आभार !घरमे ही दुर्गा पूजा किया है इस वजह ब्लॉग पर पहुच नहीं पाया |.विलम्ब के लिए खेद है !

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  6. bahut sundar haiku ....sarthak bhii ...!!
    vijayadashmi ki shubhkamnayen .

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  7. विजयादशमी की शुभकामनाएँ !
    सुंदर !

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  8. विजयादशमी की अनंत शुभकामनाएं
    बहुत सुंदर
    उत्कृष्ट प्रस्तुति

    सादर


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  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (14-10-2013) विजयादशमी गुज़ारिश : चर्चामंच 1398 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. माननीय शास्त्री जी आपका आभार !घरमे ही दुर्गा पूजा किया है इस वजह ब्लॉग पर पहुच नहीं पाया |.विलम्ब के लिए खेद है !

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।सटीक और उम्दा

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  11. वाह ! बहुत सुंदर हाइकू !
    विजयादशमी की शुभकामनाए...!

    RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.

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  12. वाह ! बहुत सुंदर सटीक हाइकू !
    विजयादशमी की शुभकामनाए...!

    RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.

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  13. शब्दों के छोटे -छोटे पुष्प-गुच्छों में भक्ति-भावना से परिपूर्ण बहुत सुंदर अभिव्यक्ति . विजया दशमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

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  14. यह तो हाइकू महाकाव्य के लक्षण हैं।

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  15. अनुपम ..विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ..

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  16. अति उत्तम रचना

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  17. This comment has been removed by the author.

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    1. nc post sr !
      http://drpratibhasowaty.blogspot.in/2013/10/haiga-animation.html?spref=tw

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  18. विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनायें
    संग्रहनीय सार्थक पोस्ट
    सादर

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  19. सार्थक हस्तकक्षेप हाइकु की मार्फ़त महिषासुर वध .सुन्दर प्रस्तुति .शेष भी ज़रूर पढेंगे आपने इतना श्रम लिखने में किया है .

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  20. सुंदर और सामयिक हाइकू, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  21. अति सुन्दर वर्णन ! आभार

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  22. बहुत सुंदर ...आप के ब्लॉग पर आ कर बहुत अच्छा लगा

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  23. अति सुन्दर ... आभार

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