Sunday, 27 October 2013

सपना और मैं (नायिका )

                                                                  
       
सपने में हम तुम

                          इस कविता का पहला भाग " सपना और तुम "(नायक का सपना) ८ अप्रैल २०१३ को प्रसारित किया गया था | अब दूसरा भाग "सपना और मैं " (नायिका का सपना ) प्रस्तुत कर रहा हूँ |


निशि दिन ध्याऊं ,करू मैं क्या ,तुम नही आए
तुम हो कठोर ,याद तुम्हारी, मुझको सदा सताए |

चाहती हूँ आऊँ,पर जग की  तीखी नज़र हैं हम पर
सपना ही तो पथ है ,कोई पहरा नहीं है इसपथ पर |

चली आती हूँ इस पथ पर अकेली ,बन अभिसारिका
जटीला कुटीला की तिरछी नज़रें अब हमें क्या करेगा |

विरह में तुम्हारे दिन रात , तड़पते हैं मेरा तन मन
अच्छा लगता है मुझे ,तुम्हारे मजबूत बाहों का बंधन |

प्रेम का धागा न टूटे कभी ,न टूटे यह बंधन
चिर प्याषी हूँ ,पिलाओ तुम मुझे ,जब तक हैं जीवन |

अनन्त अफुरंत है यह प्यार -मदिरा का प्याला
चाहती हूँ पीऊं और पिलाऊं , मिटाऊं ऊर की ज्वाला |

मधुर मधुर अधर तुम्हारा, है रस भरा रसीला
मेरे अधरों पर छलकते हैं,यह रस भरा प्याला |

चंचल तितली सी उड़ती फिरूं मैं जब बाग़ में
पकड़ो मेरे बाहों को ज्यूँ  ,मुहँ छुपा लूँ मैं आँचल में|

फूलों की  खुशबु से मोहित मंडराए भौंरे इधर उधर
भौरों की भांति तुम भी ,लगाते हो मेरे चक्कर |

मैं आगे ,  तुम पीछे ,सरपट भागते जाती हूँ
नाज़ुक हूँ मैं ,थक जाती हूँ ,तब पकड़ में आती हूँ |

बाहों में आकर तम्हारे , मेरे दिल को शुकून मिलता है
काल की गति रुक जाय वहीँ ,दिल यही दुआ  मांगता है |

नींद में सपना ,सपना का आभार ,मिलते रहेंगे तुम हम
प्यार के हैं दुश्मन अनेक , बेदारी में नहीं मिल सकते हम |

शब्दार्थ : अफुरंत - कभी समाप्त न होने वाला ;  बेदारी - जागरण  , जागृति 
चित्र गूगल से साभार


कालीपद "प्रसाद"

©   सर्वाधिकार सुरक्षित





36 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (27-10-2013)
    जिंदगी : चर्चा अंक -1411 में "मयंक का कोना"
    पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हार्दिक आभार डॉ रूपचन्द्र शास्त्री जी

      Delete
  2. बहुत सुन्दर ,वह सर जी

    ReplyDelete
  3. सुन्दर भाव शरीर है इस रचना का विधना का।

    ReplyDelete
  4. स्वप्न सुन्दरी की मनोहारी अनुभूति। आभार।

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (28.10.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका हार्दिक आभार नीरज कुमार जी

      Delete
  6. सुन्दर प्रस्तुति-
    शुभकामनायें आदरणीय-

    ReplyDelete
  7. प्रेम का भाव लिए नायिका की प्रेम अभिव्यक्ति ... बहुत सुन्दर ...

    ReplyDelete
  8. बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  9. रह जाती वो प्यासी
    प्यार को तरसी नारी
    सादर

    ReplyDelete
  10. रह जाती वो प्यासी
    प्यार की तरसी नारी
    सादर

    ReplyDelete
  11. खुबसूरत रचना बधाई ......
    नायिका की बहुत खुबसूरत प्रेम अभिव्यक्ति ....

    ReplyDelete
  12. लागी सपने से प्रीत
    मिलाये मन का मीत ...

    बधाई सुंदर रचना की !

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर रचना है.
    यहाँ भी पधारे
    http://iwillrocknow.blogspot.in/

    ReplyDelete
  14. सुन्दर , अच्छी जानकारी

    ReplyDelete
  15. आपका हार्दिक आभार कुलदीप ठाकुर जी !

    ReplyDelete
  16. बहुत सुंदर और सशक्त.

    रामराम.

    ReplyDelete
  17. बहुत सुन्दरता से सजी अभिव्यक्ति सर
    नई पोस्ट -: प्रश्न ? उत्तर भाग - ५

    ReplyDelete
  18. वा क्या बात है . सुंदर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  19. सुन्दर श्रंगारयुक्त कोमल भाव।

    ReplyDelete
  20. bahut sundar.....................................

    ReplyDelete
  21. Wah Kalipad prasad ji,

    bahut hi sundar rachana hai aapki,wastav me ''HAM EK DOOJE KE DILO ME RAHTE HAI'' ki anubhuti karati rachana,bahut-bahut badhai

    ReplyDelete
  22. यथार्थ बड़ा कठोर होता है शायद इसलिए सपने मन को भाते है !

    ReplyDelete
  23. बहुत सुन्दर रचना....
    बधाई!!

    सादर
    अनु

    ReplyDelete
  24. आपकी यह रचना बहुत ही सुंदर है…
    मैं स्वास्थ्य से संबंधित छेत्र में कार्य करता हूं यदि आप देखना चाहे तो कृपया यहां पर जायें
    वेबसाइट

    ReplyDelete
  25. Nice information
    htts://www.khabrinews86.com

    ReplyDelete