चित्र गूगल से साभार |
पहले केदार नाथ में प्रलय ,अब काश्मीर में प्रलय
चेत जाओ इंसान ,अब संभालो पर्वतराज हिमालय !
ईश्वर नाराज़ है या प्रकृति ने दिया यह निर्मम दण्ड
बीते वर्ष में भी आई थी यह देव भूमि उत्ताराखंड !
सिन्धु तट जलमग्न होता है ,तीव्र समुद्री तूफान से
हिमालय पर प्रलय आ रहा है ,क्या दैवीय प्रकोप से ?
सोचो इंसान करो कुछ उपाय, बंद करो अब शोषण
अत्याचार का करो अंत ,बंद करो धरती का दोहन !
शायद यह है सुप्त संकेत ,भविश्य के बड़े आपदा का
जलमग्न होगा पूरा देश ,काम ना आयगा कोई प्रार्थना !
पाक काश्मीर ,हिन्द काश्मीर ,समझो रब का इशारा
सबसे है नाराज़ रब ,उसने न माना कोई सीमा रेखा !
डूब गया पूरा काश्मीर ,मरे न जाने कितना इंसान
कोई न जाने पीड़ित में कौन हिन्दू ,कौन मुसलमान !
(C) कालीपद "प्रसाद "
मार्मिक रचना .....
ReplyDeleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteसार्थक पेशकश।
सुंदर रचना ।
ReplyDeleteबिल्कुल सच कहा ... सार्थकता लिये सशक्त प्रस्तुति
ReplyDeleteManav ne diya hai nyota iss vinaash ko.... Bahut badhiyaan abhivyakti!!
ReplyDeleteachha laga padhna, achhi rachna.
ReplyDeleteshubhkamnayen