प्रिय मित्रों !
आप सबको शारदीय नवरात्री ,दुर्गापूजा एवं दशहरा का अग्रिम शुभकामनाएं ! गत वर्ष इसी समय मैंने महिषासुर बध की कहानी को जापानी विधा हाइकु में पेश किया था जिसे आपने पसंद किया और सराहा | उससे प्रोत्साहित होकर मैंने इस वर्ष "शुम्भ -निशुम्भ बध" की कहानी को जापानी विधा "तांका " में प्रस्तुत करने जा रहा हूँ | इसमें २०१ तांका पद हैं ! दशहरा तक प्रतिदिन 20/२१ तांका प्रस्तुत करूँगा |आशा है आपको पसंद आयगा |नवरात्री में माँ का आख्यान का पाठ भी हो जायगा !
वन्दना !
आप सबको शारदीय नवरात्री ,दुर्गापूजा एवं दशहरा का अग्रिम शुभकामनाएं ! गत वर्ष इसी समय मैंने महिषासुर बध की कहानी को जापानी विधा हाइकु में पेश किया था जिसे आपने पसंद किया और सराहा | उससे प्रोत्साहित होकर मैंने इस वर्ष "शुम्भ -निशुम्भ बध" की कहानी को जापानी विधा "तांका " में प्रस्तुत करने जा रहा हूँ | इसमें २०१ तांका पद हैं ! दशहरा तक प्रतिदिन 20/२१ तांका प्रस्तुत करूँगा |आशा है आपको पसंद आयगा |नवरात्री में माँ का आख्यान का पाठ भी हो जायगा !
वन्दना !
१.
शारदा देवी
विद्या बुद्धि दायिनी
त्वं सरस्वती
पुन: पुन: नमामि
अर्पित पुष्पांजलि |
२.
चन्द्र रूपिणी
सुख शांति दायिनी
शुभ्र वरन
जगत जननी को
सतत नमस्कार |
३.
राज लक्ष्मी को
शर्वाणी स्वरुपा को
अत्यंत सौम्य
अत्यंत रौद्ररूपा
देवी को प्रणमामि|
४.
सरस्वती ही
महा लक्ष्मी रूपिणी
दुर्गा रूपा को
रक्तबीज हारिणी
नमामि महाकाली |
५.
चन्द्र किरण
सम ज्योति,कान्ति है ,
शुम्भ -निशुम्भ
घातिनी दुर्गामा को
सतत नमन है |
६.
दुःख नाशिनी
शुम्भ आदि दैत्यों का
कर संहार
देवराज इन्द्र का
किया स्वर्ग उद्धार |
7.
नमामि त्वम्
बहु रूप धारिणी
कष्ट हारिणी
हरना मेरी बाधा
कहूँ तुम्हारी कथा |
************
कथा !
८.
आदि काल में
शुम्भ ओ निशुम्भ ने
इन्द्रदेव से
छिन लिया स्वर्ग को
और यज्ञभाग को |
९.
सूर्य चन्द्रमा
कुबेर यम और
वरुण का भी
अधिकार सबका
दोनों दत्यों ने छिना |
10.
वायु अग्नि को
सब देवताओं को
पराजित हो
अधिकार हीन हो
स्वर्ग से जाना पड़ा |
११.
जगदम्बा ने
दिया था वरदान
देवताओं को
आपद विपद में
करेंगी रक्षा उन्हें |
१२.
दोनों दैत्यों से
तिरस्कृत देवता
दुर्गा देवी के
शरण में पहुंचे
दुःख के नाश हेतु |
१३.
पहुंच कर
गिरि हिमालय में
कर बद्ध हो
जगदम्बा माता की
स्तुति करने लगे |
14.
हे दुर्गापारा
सारा सर्व कारिणी
सुख स्वरुपा
जगत का आधार
कोटिश: नमस्कार |
१५.
विष्णुमाया के
नाम से प्रचलित
सब प्राणी में
प्रतिष्ठित जग में
तुमको नमस्कार |
१६.
हम सब की
वुद्धि ,शक्ति ,कान्ति हो
लज्जा रक्षक
राजलक्ष्मी श्रद्धा हो
क्षमाशील माता हो |
१७.
करुणामयी
रक्ष हे दयामयी
देवताओं को
शुम्भ निशुम्भ दैत्य
पराजित देवों को |
18.
कल्याण मयी
जग मंगल कारी
हे जगदम्बा
हम है स्वर्ग हीन
देवलोक स्वर्ग से |
१९.
भगाए हुए
उद्दंड असुरों से
शरणागत
हमसब देवता
संकट दूर करो |
20.
पार्वती देवी
गंगा स्नान के लिए
गंगा पहुंची,
सुन देवता स्तुति
भगवती ने पूछा |
२१.
किसकी स्तुति
देवगण करते
बताओ मुझे ,
उन्ही के शरीर से
शरीर कोष जन्मी
२२
नाम कौशिकी
बोली भगवती से
देवता गण
पराजित होकर
शुम्भ ओ निशुम्भ से ...
२३
मेरी ही स्तुति
गा रहे हैं देवता
एकत्रित हो ,
होकर मैं प्रसन्न
दुःख दूर करुँगी |
क्रमशः....
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
you are such a talented person:)
ReplyDeleteyou are such a talented person:)
ReplyDeleteबहुत हि सुंदर , सर धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
जय माँ दुर्गा भवानी की ! नव रात्र का शुभारंभ माँ की बहुत ही सुंदर स्तुति से किया है आपने ! माँ अम्बे सबका कल्याण करें ! बहुत ही सुन्दर कथा !
ReplyDeleteमाँ शारदे को समर्पित बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति। स्वयं शून्य
ReplyDeleteBahut sunder stuti ... Maa durga apni kripa sabpar baanaaye rakkhe ... Badhayi !!
ReplyDeleteBahut sunder stuti ... Maa durga apni kripa sabpar baanaaye rakkhe ... Badhayi !!
ReplyDeleteसरस्वती ही
ReplyDeleteमहा लक्ष्मी रूपिणी
दुर्गा रूपा को
रक्तबीज हारिणी
नमामि महाकाली
भक्ति-भावपूर्ण वंदना।
शुभकामनाएं।
नवरात्र पर बहुत बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteजय माँ भवानी
शारदे!
नवरात्रि पर्व शुभ और मंगलमय हो |
ReplyDeleteमाँ शारदे ... माँ दुर्गा ... जय आंबे माँ ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..जय माता दी
ReplyDeletewaah kya baat hai... gazab ki prastuti hai.. itna lazwab likh sakte hain aap..
ReplyDeletejai mata ki