Tuesday, 30 September 2014

शुम्भ निशुम्भ बध :भाग 7


आप सबको शारदीय नवरात्रों  ,दुर्गापूजा एवं दशहरा का  शुभकामनाएं ! गत वर्ष इसी समय मैंने महिषासुर बध की  कहानी को जापानी विधा हाइकु में पेश किया था जिसे आपने पसंद किया और सराहा | उससे प्रोत्साहित होकर मैंने इस वर्ष "शुम्भ -निशुम्भ बध" की कहानी को जापानी विधा "तांका " में प्रस्तुत कर रहा हूँ | इसमें २०१ तांका पद हैं ! दशहरा तक प्रतिदिन 20/२१ तांका प्रस्तुत करूँगा |आशा है आपको पसंद आयगा |नवरात्रि में माँ का आख्यान का पाठ भी हो जायगा !


भाग ६ से आगे 
         १२७
मात्री गणों का
असुरों का हनन
करते देख
दैत्य  सैनिक भीत
डर के भाग गए |
        १२८
भागते देख
रक्तबीज नमक
दैत्य क्रोध में
युद्ध के लिए आये
वर प्राप्त दैत्य था |
       १२९
रक्त की बूंद
उसके शरीर से
भू पर गिरे
शक्तिशाली दूसरा
दैत्य पैदा हो जाता |
         १३०
लेकर गदा
हाथ में रक्तबीज
करने लगा
युद्ध इन्द्र शक्ति से
भयंकर संग्राम ||
         १३१
तब ऐन्द्री ने
रक्तबीज को मारा
अपना बज्र
बज्राघात घायल
रक्तबीज का रक्त .....
          १३२
गिरा भू पर
हर बूंद खून से
उत्पन्न हुए
अनुरूप उसके
एक और असुर |
           १३३
दैत्य रक्त के 
जितने बूंद गिरे
उत्पन्न हुए
असुर उतने ही
रक्ताबीज समान |
          १३४
पराक्रमी थे
सब बलवान थे
वीर्यवान भी
अस्त्र शस्त्रों के साथ
युद्ध करने लगे |
          135
मात्री गण भी
असुरों के सहित
संग्राम किया
पुन; पुन: बज्र से
रक्तबीज को मारा |
           १३६
हजारों दैत्य
तब पैदा हो गए
रक्तबीज सा
सहस्त्र महादैत्य
सम्पूर्ण युद्ध स्थल |
         १३७
असुरों द्वारा
डराया देवताओं भी
हुआ चिंतित
देख देवताओं को
चिंतित ओ उदास |
         १३८
काली देवी ने
फैलाया मुख और
गिरने वाले
हर रक्त बिंदु को
मुहँ में ले पी लिया |
          १३९
महादैत्य के
रक्त को पीती हुई
प्रत्येक बूंद
रण में विचरती
महादेवी चामुण्डा|
         १४०
दैत्यों का सारा
रक्त क्षीण हो गया
क्षीण असुर
रक्तबीज का रक्त
समाप्त हुआ सब |
        १४१
चामुण्डा देवी
छोड़ा नहीं बूंद भी
पी लिया सब
चण्डिका मारी बज्र
निहत रक्तबीज |
          १४२
हर्षित देव
अनुपम आनन्द
देवलोक में
सब मात्री गण  भी
तृप्त रक्त पान से |


नवरात्रों की शुभकामनाएं |
              क्रमशः

कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित

8 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
    जय माँ भवानी!
    नवरात्र की शुभकामना!

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...जय माता दी...

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  3. सब को नवदुर्गा-वृत्त की शुभकामना ! आज के वृद्ध-दिवस की वधाई सभी वरिष्ठ नागरिकों को !

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    1. सभी वरिष्ट नागरिकों को अभिनन्दन !

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